MIS System
-: ऋण स्वीकृती के नवीन प्रकरण हेतु दिशा निर्देश बाबत् :-
1. आवेदक मूलतः छ.ग. का स्थायी निवासी हो, तथा 40% या अधिक दिव्यांगता का प्रमाण पत्र तथा UDID कार्ड एवं आधार की धारीत रखता हो।
2. आवेदक की उम्र 25 वर्ष से 50 वर्ष के मध्य हो।
3. आवेदक अपने लिए प्रस्तावित प्रोजेक्ट में प्रशिक्षित हो या दक्षता रखता हो।
4. प्रस्तावित व्यवसाय के संचालन का कम से कम तीन वर्ष का अनुभव या प्रशिक्षित हो।
5. आवेदक या पालक के पास आमदनी के पर्याप्त स्रोत हो जिससे ऋण राशि की मासिक किश्त जमा की जा सके।
6. आवेदक व्यवसाय संचालन हेतु पर्याप्त योग्यता रखता हो।
7. वाहन संचालन की दशा में वाहन चलाने वाले से नियमानुसार अनुबंध हो तथा व्यवसाय के आधार पर किश्त जमा करवाने का भी अनुबंध हो।
8. व्यवसाय का स्थापन जिला प्रबंधक की देख-रेख में किया जायें तथा लगातार तीन मासिक किश्तो की नियमितता पश्चात व्यवसाय का जिला प्रबंधक द्वारा अधिग्रहित किए जाने की सहमति हो।
9. व्यवसाय से जुडे़ सर्व संबंधितों से 50 रु. के स्टाॅम्प पेपर में अनुबंध सांपदित करने के पश्चात् आवेदन पत्र का अग्रेषण किया जाए।
10. व्यवसाय संचालन हेतु ऋण आवेदन अग्रेषित करने के पूर्व व्यवसाय स्थल का चयन तथा सत्यापन के बाद जिला प्रबंधक द्वारा आवेदन पत्र का अग्रेषित किया जाए।
11. वाहन हेतु ऋण स्वीकृती पश्चात जिला प्रबंधक द्वारा ऋण राशि हितग्राही के समक्ष संबंधित एजेंसी को दिया जायें तथा वाहन प्राप्त के समय वाहन के सामने ‘‘छ.ग.निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम द्वारा स्वीकृत ऋण के माध्यम से प्राप्त’’ का बोर्ड लगाया जाय।
12. वाहन के रजिस्ट्रेशन के समय वाहन के अभिलेखों में हितग्राही तथा जिला प्रबंधक का संयुक्त रुप से नाम लिखे जाए तथा वाहन की एक चाबी हितग्राही के पास तथा एक चाबी जिला प्रबंधक के पास रखी जाय।
13. लगातार तीन किश्त लम्बित होने के पश्चात वाहन जिला प्रबंधक द्वारा अधिकृत किया जाने के संबंध में अनुबंध 50 रु. के स्टाॅम्प पेपर में विस्तृत रुप से सम्पादित किया जाय।
14. छत्तीसगढ़ राज्य आदिवासी बाहुल्य राज्य है, जहाॅं आदिवासियों को आबंटीत वन भूमि का पट्टा जमानत के लिए मान्य नही है, अतः जमानत के नाम पर भूमि आदि का पट्टा या ऋण पुस्तिका जमानत हेतु मान्य नहीं है।
15. शासकीय सेवक की जमानत कि स्थिति में 50 रू. के स्टाॅम्प पेपर में अनुबंध किया जाय तथा लगातार तीन माह की वेतन पर्ची जिसमें वेतन आहरण अधिकारी के हस्ताक्षर द्वारा सत्यापन संलग्न किया जाय।
16. किसी भी स्थिति में हितग्राही को नगद राशि या चेक सीधे अंतारित न किया जाय। आवेदन पत्र में संलग्न कोटेशन के आधार पर चेक प्रदान करें।
17. जमानत दार आयकर दाता होने की स्थिति में लगातार तीन वर्ष का आयकर विभाग को आयकर में प्रेषित की गई हो की प्रति संलग्न करें।
18. स्वीकृत राशि का वितरण उसी हितग्राही को किया जाए जिसके नाम से राशि स्वीकृत की गई है।
19. जिस माह ऋण वितरण किया जावेगा, वापसी किश्त उसी मासिक/तिमाही से कम होगी।
20. जिस उद्देश्य के लिये ऋण दिया जा रहा है, उसी व्यवसाय को करना होगा तथा अहस्तांरित होगा।
21. ऋण वितरण कर वापसी कराने की जिम्मेदारी संयुक्त/उप संचालक, जिला कार्यालय पंचायत एवं समाज कल्याण की होगी।
22. मासिक वसूली प्रगति प्रतिमाह निगम को भेजना होगा।
23. यदि किसी कारण वश राशि उपयोग नहीं हो पा रहा है तो 80 दिन के अन्दर राशि वापस करना होगा नहीं करने पर दण्डीत ब्याज संबंधित अधिकारी से वसूल की जावेगी।
24. ऋण स्वीकृति संबंधी संलग्न दस्तावेज पूर्ण करना होगा, जिसमें पोस्ट डेटेड चेक लेना अनिवार्य होगा।